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व्हाट्सएप पर ऑनलाइन धोखाधड़ी बड़े पैमाने पर : गृह मंत्रालय की रिपोर्ट

व्हाट्सएप पर ऑनलाइन धोखाधड़ी बड़े पैमाने पर : गृह मंत्रालय की रिपोर्ट, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर साइबर अपराधियों का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है, और ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, व्हाट्सएप पर ऑनलाइन धोखाधड़ी की घटनाएं सबसे ज्यादा सामने आ रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय की सालाना रिपोर्ट में यह चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि साल 2024 के पहले तीन महीनों में व्हाट्सएप के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी की कुल 43,797 शिकायतें प्राप्त हुईं। इसके बाद टेलीग्राम और इंस्टाग्राम ने भी साइबर अपराधियों को शिकार बनाने के लिए खास स्थान बना लिया है।

व्हाट्सएप, टेलीग्राम और इंस्टाग्राम पर बढ़ता ऑनलाइन फ्रॉड 📊

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, व्हाट्सएप पर साइबर धोखाधड़ी के मामलों में भारी वृद्धि हुई है, जहां सबसे ज्यादा 43,797 शिकायतें आईं। इसके बाद, टेलीग्राम पर 22,680 और इंस्टाग्राम पर 19,800 शिकायतें दर्ज की गईं। साइबर अपराधी इन प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके लोगों से पैसे ठगने की गतिविधियों में शामिल हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि ये अपराधी गूगल सर्विस प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं, जो उन्हें क्राइम करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है।

“पिग बूचरिंग स्कैम” और “इंवेस्टमेंट स्कैम” की समस्या 💸

गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि यह धोखाधड़ी, जिसे ‘पिग बूचरिंग स्कैम’ या ‘इंवेस्टमेंट स्कैम’ कहा जाता है, एक वैश्विक समस्या बन चुकी है। इस स्कैम में बेरोजगार युवा, गृहिणियां, विद्यार्थी और जरूरतमंद लोग सबसे अधिक शिकार बन रहे हैं। यह धोखाधड़ी स्कैमर्स द्वारा बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग और साइबर स्लेवरी (साइबर गुलामी) जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देती है। इन अपराधियों द्वारा उपयोग किए जा रहे अवैध लेंडिंग ऐप्स और गूगल के फायरबेस डोमेन का दुरुपयोग भी इन अपराधों के लिए प्रमुख कारणों में से एक है।

गूगल और फेसबुक के साथ साझेदारी: साइबर अपराधियों की गतिविधियां 🔍

I4C (Indian Cyber Crime Coordination Centre) ने गूगल और फेसबुक के साथ साझेदारी कर के अवैध लेंडिंग ऐप्स और साइबर अपराधियों द्वारा इन ऐप्स के दुरुपयोग को चिन्हित किया है। इसके अलावा, यह साझेदारी एंड्रॉयड बैंकिंग मैलवेयर (Hashes) और अन्य खुफिया जानकारी के खतरों से निपटने में मदद कर रही है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स, जैसे कि फेसबुक, का उपयोग संगठित साइबर अपराधियों द्वारा भारत में अवैध लेंडिंग ऐप्स लॉन्च करने के लिए बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।

साइबर सुरक्षा और जांच में प्रशिक्षण की आवश्यकता ⚖️

I4C का उद्देश्य देशभर के संस्थानों में साइबर सुरक्षा, साइबर अपराध जांच और डिजिटल फोरेंसिक की ट्रेनिंग प्रदान करना है। यह ट्रेनिंग क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के सभी स्तंभों – कानून प्रवर्तन एजेंसियों, फोरेंसिक परीक्षकों, अभियोजकों और न्यायाधीशों के लिए आयोजित की जाएगी। इस पहल का उद्देश्य साइबर अपराध की जांच और उसके निवारण में सुधार करना है।

भारत में साइबर सुरक्षा और अपराधों से निपटने के लिए नए उपाय 🛡️

साइबर अपराधशिकायतें (2024 के पहले तीन महीने)
व्हाट्सएप धोखाधड़ी43,797
टेलीग्राम धोखाधड़ी22,680
इंस्टाग्राम धोखाधड़ी19,800

केंद्रीय गृह मंत्रालय और I4C की पहल ने साइबर अपराधियों के खिलाफ एक सख्त कार्रवाई की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गूगल और फेसबुक जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स के साथ सहयोग इस दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हो सकता है। साथ ही, ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए जागरूकता फैलाना भी बेहद जरूरी है।

भारत में साइबर सुरक्षा की स्थिति 🚨

साइबर अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए यह आवश्यक हो गया है कि सरकार, इंटरनेट सेवा प्रदाताओं और उपयोगकर्ताओं को मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। I4C का उद्देश्य डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर हो रहे साइबर अपराधों का पता लगाना और उन्हें समाप्त करना है।

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